Friday 3 June 2011

150 की नौकरी, 10 साल और 10 लाख का कार नंबर


जयपुर. 10 साल पहले तक जिस व्यक्ति ने ढाबे में 150 रुपए महीने की नौकरी की, गुरुवार को उसी ने अपनी बीएमडब्ल्यू के लिए राजस्थान में अब तक का सबसे महंगा वीआईपी नंबर खरीदा। मालवीय नगर निवासी राहुल तनेजा ने कार नंबर ‘आरजे 14 सीपी 0001’ 10 लाख रु. में खरीदा है। इससे पहले 29 अप्रैल, 2011 को यूडी 0001 नंबर साढ़े पांच लाख रु. में बिका था। राहुल की अभी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी है, लेकिन यहां तक पहुंचने से पहले उन्होंने सड़क पर फुटकर सामान बेचा, इसके बाद कैटरिंग और मॉडलिंग भी की।

देर रात तक नौकरी, दिन में पढ़ाई: राहुल तनेजा ने 11 साल की उम्र में गरीबी से तंग आकर घर छोड़ दिया था। दो वक्त की रोटी के लिए दो साल तक आदर्श नगर में ढाबे पर 150 रुपए प्रति माह में काम किया। तंगहाली के इस दौर में भी राहुल ने पढ़ाई नहीं छोड़ी। 150 में से 80 रुपए वह आदर्श विद्यामंदिर स्कूल में अपनी फीस जमा करते थे। वे देर रात तक ढाबे पर काम करते थे और दिन में स्कूल जाते थे। इसकी का नतीजा रहा कि वे हर बार अच्छे अंकों से पास हुए।

इतने से भी जब खुद का खर्च पूरा नहीं हो पा रहा था तो उन्होंने पटाखे बेचे। बाद में दिल्ली से चमड़े के जैकेट लाकर जयपुर में बेचने का काम शुरू कर दिया। उन्होंने सिंधी कॉलोनी में 600 रुपए महीने में किराया का कमरा लिया। इसमें कई पार्ट टाइम काम शुरू किए। 1998 में मॉडलिंग शुरू की तो मिस्टर जयपुर, मिस्टर राजस्थान मेल ऑफ द ईयर और नार्थ इंडिया को टॉप मॉडल रहा, लेकिन मॉडलिंग में उस समय शोहरत थी, उतना पैसा नहीं। इसीलिए 23 अक्टूबर 1999 को इवेंट मैनेजमेंट कंपनी खोली। साथ ही उसने पढ़ाई जारी रखी, सन् 2000 में बीकॉम पास कर लिया।

राहुल ने पांच साल तक छोटे छोटे इवेंट किए। इसके बाद एक बड़ी कंपनी से डील हुई। उस समय राहुल 2 लाख तक के इवेंट करता था, लेकिन उस कंपनी ने उन्हें 1 करोड़ का इवेंट ऑफर किया। इसके बाद तकदीर ही बदल गई। अब राहुल के पास कई लक्जरी गाड़ियां और खुद का बंगला है। बीएमडब्ल्यू गाड़ी उन्होंने 9 मई को खरीद ली थी, लेकिन वीआईपी नंबर के लिए रुके हुए थे। इससे पहले भी उनके पास दो गाड़ियों पर वीआईपी नंबर हैं।

पिता पंक्चर लगाते थे: राहुल के पिता पंक्चर लगाते थे। उनके चार बेटे और एक बेटी थी। इस कारण परिवार हमेशा तंगहाली में रहा। राहुल शुरू से ही एक अच्छा जीवन, अच्छी राह से पाना चाहते थे। पिता पढ़ाने में सक्षम नहीं थे। यही कारण है कि उन्होंने अपने पिता का घर छोड़ा। अब उनके मां पिता बड़े भाइयों के साथ रहते हैं, लेकिन राहुल से उनके अच्छे संबंध हैं।

गुरुवार को सीपी नंबर की नई सीरीज के वीआईपी नंबर के लिए बोली लगी थी। इस नंबर के लिए तीन लोगों ने आवेदन आए थे। खुली टेंडर प्रक्रिया के तहत यह नंबर10 लाख में बिका है। वीआईपी नंबरों की नीलामी के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया हुआ है, जिसके सामने बोली लगती है। प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता रखी गई है। - डॉ. बीएल जाटावत, आरटीओ।

Source: Dainik Bhaskar

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